वक़्त थमता नही, तो मैं कैसे रुक जाऊँ। हर कोई बदलता है यहाँ, फिर क्या मैं भी बदल जाऊँ कीमते होती है नायाब चीज़ों की, मैं तो भटकता हवा सा आवारा हूँ तेरी साँसों को जरूरत पड़ेगी हमारी, बोलो तो मैं क्या चला जाऊँ।। वक़्त थमता नही, तो मैं कैसे रुक जाऊँ। हर कोई बदलता है यहाँ, फिर क्या मैं भी बदल जाऊँ कीमते होती है नायाब चीज़ों की, मैं तो भटकता हवा सा आवारा हूँ तेरी साँसों को जरूरत पड़ेगी हमारी, बोलो तो मैं क्या चला जाऊँ।। 👉 😈 ❣️ 😈 Open for Collab 💫