बैचेन हूँ हालत तेरे जान ने को ज़रिया सिर्फ़ तुम्हारे ख़त ही हैं कैसे हो हालत बया तुम करना सुख हो दुःख हो दोनों लिखना याद आती हूँ मैं या बिसर गई ख़ाब में जगह हैं, या वो गई हर बार रुलाते हो ख़त में मुझे इस बार ना रुलाना साजन मुझे प्रीत की रीत निभाना साथिया जल्दी लौट कर आना साथिया 🎀 Challenge-457 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 🎀 रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 🎀 अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।