तुम लड़ती हो, झगड़ती हो मुझे बेइंतेहा प्यार करती हो। तुम रुलाती हो, हसाती हो मुझे छोड़ कर कभी नहीं जाती हो। गालों को मेरे खीचती हो, फिर उसी को सिचती हो प्यार से मुझे हमेशा आंखों से मिचती हो। तुम मुझे बहुत तड़पाती हो, अपने से दूर भगाती हो फिर खींच अपनी आेर मुझे गले तुम लगती हो। तुम्हारी उंगलियों पर नाचता हूं, गाना तुमको सुनता हूं तुम खुश रहो इसीलिए मैं जोकर भी बन जाता हूं। तुम्हारी खुशियों में खुशियां ढूंढता हूं, गमों को दूर धकेलता हूं तुम मुस्कुराओ खातिर मैं मचलता हूं तुझमें सवरता हूं। तुम्हारी इन्हीं अदाओं पर मरता हूं मैं भी तुम्हे बेइंतेहा प्यार करता हूं। #प्यार #आंख #गला #खुशियां #गम #दूरियां #yqdidi #yqhindi YourQuote Didi Vaibhav Dev Singh