लगाऊंगा दांव सोने की, कीमत तभी उसूल होगा चवन्नी के किमत में मेरा घर बिक गया है. दुआएँ भी लूंगा दवाई भी लूंगा कर्जदार बहुत है शहर में जरा और रुक शहर में रजाई भी लूंगा कमाया कुछ नही बचाया कुछ नही अभी तो आया हूँ शहर में जरा रुक विदाई भी लूंगा रुक और देख कितना हश्र बाक़ी जरा देख अभी सब्र बाकि है यूँ तो उम्मीदों पे खड़ी हैं जहान सारा अभी उम्मीदों का आसमान बाकि है जुगनुओं से जगमगाता शहर तेरा तुझको शौप जाऊंगा जरा और रुक . खुद ही खुद लौट जाऊंगा. A things make...