उसका पता नहीं मगर इतना ज़रूर है पता हमसे भी हुई है मोहब्बत कर बैठने की हसीं खता अब मसरूफ रहती है कलम हमारी उनके लिए शायरी में उनका दिया हुआ गुलाब आज भी ताज़ा सा लगता है संभाल कर रखा है हमने अपनी डायरी में हाँ का उनकी आज भी इंतेज़ार है न जाने क्यों किस्मत हमारी हमसे बेज़ार है एक बस कलपना यही जीने का हमारे आधार है सपना है जो एक बस नीँद में ही साकार है । उसका पता #उसकापता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqbaba #yqquotes #yqlove Collaborating with YourQuote Didi