जिव्हा से लिपटे शब्द जब बाहर आते हैं। मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण बताते हैं। संस्कार उन उलझे शब्दों से उजागर होते है। ये शब्द ही मनुष्य के मनुष्य होने का प्रमाण देते हैं। - नेहा शर्मा व्यक्ति के चरित्र का निर्माण उसके शब्द ही करते हैं।