क्या मेरी निगाहों में हवादिस की हक़ीक़त, मैं गर्दिश-ए-दौरां तेरी गोदों में पला हूँ.. अफ़सोस कि ये जलता हुआ अपना नशेमन, देखा नहीं जाता है मगर देख रहा हूँ..! #Gazali• #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì