तनहाई के दिनों में तुम आस बन के आए... मेरी अंधेरी भरी रातों में तुम चांद बन के आए... जाना नहीं था कभी जिंदगी क्या होती हैं... उन बेरुखीं सी रातों में तुम सपने बनके आएँ... ©Maithili Baria तुम जो आएं...❣️