यादों में तुम ख़यालों में तुम, दिल में बसे अरमानों में तुम। फ़ुरसत के इन पलों में तुम, चलती हुई इन साँसों में तुम। जीना है मुश्क़िल अब बिन तुम्हारे, इश्क़े फ़ितूर की पहचान हो तुम। इरादा है तुम्हें ज़माने से चुरा लें, इश्क़ से सजा आसमान हो तुम। छलकता इश्क़े जाम हो तुम, इस चेहरे की मुस्कान हो तुम। बेचैन इस दिल का चैन हो तुम, मोहब्बत "निशि" की जान हो तुम। ♥️ Challenge-986 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।