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हसरत-ए- फरमाइशों से वो मसगुल है, मेरे यादों के बिन

हसरत-ए- फरमाइशों से वो मसगुल है,
मेरे यादों के बिना जीना उनकी भूल है,
यादों का साया ऐसा छाया है,
जिधर भी देखो सिर्फ उन्ही का चेहरा पाया है,
प्यार का इजहार करते करते हम मर गए, उस बेवफा ने किसी और को दिल मे बसाया है, #MyFirstShyaRi
हसरत-ए- फरमाइशों से वो मसगुल है,
मेरे यादों के बिना जीना उनकी भूल है,
यादों का साया ऐसा छाया है,
जिधर भी देखो सिर्फ उन्ही का चेहरा पाया है,
प्यार का इजहार करते करते हम मर गए, उस बेवफा ने किसी और को दिल मे बसाया है, #MyFirstShyaRi