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नदी की बाहों में बाहे डाल कर तैरना छोटी मछलियों क

नदी की बाहों में बाहे डाल कर तैरना 
छोटी मछलियों को हथेली से घेरना।
मुझे बहुत प्रिय था
नदी की तह पर पत्थर कई दफे उछालना 
मिट्टी से सने हाथ को पानी में खंगालना ।
मुझे बहुत प्रिय था 
तुम्हें चुपके से देखना फिर मुस्कुरा देना 
तेरे बस्ते में फूलों के गजरे छुपा देना ।
मुझे बहुत प्रिय था 
अपनी छत से लाल पीली पतंगे उड़ाना,
कभी तेरी पेंसिल तो कभी पेन छुपाना। #sanjaykirar
#thepoetslibrary
नदी की बाहों में बाहे डाल कर तैरना 
छोटी मछलियों को हथेली से घेरना।
मुझे बहुत प्रिय था
नदी की तह पर पत्थर कई दफे उछालना 
मिट्टी से सने हाथ को पानी में खंगालना ।
मुझे बहुत प्रिय था 
तुम्हें चुपके से देखना फिर मुस्कुरा देना 
तेरे बस्ते में फूलों के गजरे छुपा देना ।
मुझे बहुत प्रिय था 
अपनी छत से लाल पीली पतंगे उड़ाना,
कभी तेरी पेंसिल तो कभी पेन छुपाना। #sanjaykirar
#thepoetslibrary