ये बिन्दी, ये काजल ये लाल रंग से मुझे नफरत है ये हाथों में खनकती चूड़ियाँ, ये पायलों की छन-छन से मुझे नफरत है मुझे पसन्द है, बिखरे उड़ते बाल करीने से सजाये हुए जुल्फों से मुझे नफरत है यूँ सुन्दर दिखना और उस पर मर्दो की नजरसे मुझे नफरत है . . . मुझे पसन्द है सादगी से जीना ना सजने संवरने का गुण जिसमें मुझे मिलता है सुकून... 13/07/2024 ©Roshni Mehar #Freedom