शीर्षक : वो गोरे हम काले-काले [ READ IN CAPTION ] उन पर बरसे प्रीत परम पर हम पीड़ा को सहने वाले हमने सुनी सदा उनकी पर वो थे मन की कहने वाले हम अक्षम कुंदी न खुलती वो आँखों से खोलें ताले वो सुंदर सब गुण सम्पन्ना