इतनी भी कोई कठिन नहीं प्रेम की अभिव्यक्ति सूरज के मुस्का देने से हंस देती है सृष्टि तापस धरा उन्माद हृदय का बादल रिमझिम वृष्टि भय की संशय की बिजली कौंधी पल दो पल मचली सरल प्रेम सरसा सहसा कि सोंधी हुई ये मिट्टी कोर हृदय की मिटी अंकुरित नवजीवन दृष्टि नेह नयन को दुर्लभ क्या मौन मेह की तृप्ति और बोल के फूल सुहसित सुरभि प्रीत की चिठ्ठी #toyou #yqlove #yqletter #yqsweetness #blessings #yqskies #yqhappiness