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ऐ जान मेरी तेरे जन्म दिवस पे क्या मै दूं उपहार तुझ

ऐ जान मेरी तेरे जन्म दिवस पे क्या मै दूं उपहार तुझे
 तूने लेकर जन्म मेरे घर में है मुझ पे किया उपकार तूने 

 जब पहली बार तेरी किलकारी मेरे घर आंगन में गूंजी थी 
रहा कोई छोर ना खुशियों का ये खिली कली मेरे दिल की थी 

जब नाजुक नाजुक हाथों से तूने उन्गली मेरी थामी थी 
रहे सलामत सदा तू बेटी दुआ ये रब से मांगी थी 

अजय जुलाना के जीवन कि हुई साधना पूरी है
 ए बेटी तेरे बिन मेरे घर की खुशियां अधूरी है

©ajay Kumar
  #special for daughters
ajaykumar6711

ajay Kumar

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