वहीं मेरा ठिकाना जहाँ कहीं भी जाऊँ मैं, यहीं लौटकर मुझे है आना तुझसे मिलने को, आतुर रहती हूँ मै सदा.... तेरे पास आने का, ढूँढती रहती हूँ मैं बहाना तुझे कितना चाहती हूँ मैं.... तेरे पहलू में आ, तुझे है बताना तो प्यार से बस, निहार ही ना तू मुझे.... आगे बढ़कर, झट से गले लगा ना सुप्रभात, आप सभी लोगों को पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।💐🌼💐 आज का हमारा विषय बहुत ही ख़ूबसूरत तथा रोमांटिक है, आशा है आप लोगों को पसंद आएगा। यहीं नहीं बल्कि दो चयनित लेखकों को टेस्टीमोनियल समन्यतः दिया ही जाता है किन्तु इस प्रतियोगिता में मिलने वाला टेस्टीमोनियल भी प्रकृति के रंगों में रंगा होगा।💐💐