काव्य संख्या-201 ============================ 21वीं सदी ============================ 21वीं सदी में भारत की तस्वीर कैसी बन गई मूल्य-नैतिकता आचार-विचार सब लुप्त हो गई। कहां से हम चले थे और कहां पहुंच गए