तू तय्यब, तहूर,तबीब है। मै दर पे आया तालिब हू।। कुछ और नही बस एक बार । तिलअत को तेरी दीवाना हू।। तय्यब (पवित्र), तहूर(पवित्र करने वाली),तबीब (वैद्य) तालिब(माँगने वाला) तिलअत ( दीदार)