इश्क़ में मत पूछो मेरी लाचारी रूहों की कहानी हो गयी है बेचारी वस्ल-ए-रूह की ललक में व्याघ्र है दिल कुछ ऐसे ही चल रही है जिंदगानी हमारी। बेबस दिल रहता है वस्ल की तफ्तीश मे वक्त भी कर रहा है हिज्र की तैयारी बेनूर मौसम में मन हुआ बेजार सा दिल मे चढ़ी है इश्क़ की खुमारी। लब बेताब है छूने को तेरे लबो को अब फब नही रही तेरी खेल-ए-नादानी बेबस नैना तप रहे है दाह-ए-तपिश में इनायत नाम की चीज तज दी है रूह तुम्हारी। ✍️आशुतोष यादव #story_of_love #sad_moment #feeling #haert_beat sheetal pandya मेरे शब्द