शुभ दीपावली नफरतों के जला दें पटाखे आज, क्यों न इस तरह दीवाली मनाई जाए..। भुला कर सभी गीले शिक़वे, क्यों न रिश्तों में मिठास लाई जाए..।। छल कपट और राज बुराई का, न ज्यादा देर चल पाता है., अधर्म का नाश करे धर्म हमेशा, यह दशहरा हमें सिखाता है.,, कभी न सोचें हम बुरा किसी का, क्यों न यह क़सम उठाई जाए..।। -o- नफरतों के जला दें पटाखे आज-o- 😎Happy Diwali Friends... नफरतों के जला दें पटाखे आज, क्यों न इस तरह दीवाली मनाई जाए..। भुला कर सभी गीले शिक़वे, क्यों न रिश्तों में मिठास लाई जाए..।। छल कपट और राज बुराई का, न ज्यादा देर चल पाता है., अधर्म का नाश करे धर्म हमेशा,