ये हयात नहीं हैवानियत है उन्न मर्दों की को चीज समझते है लड़की को जो कमजूर समझते है लड़की को,जो समझाते है अब्ला एक नारी को,व्ही हमारे समाज की चिराग़ है जला देगी चिता तुम्हारी उसी चिंगारी से,वह तुम्हे पैदा करने वाली नारी है व्ही हमारे देश की महारानी है,व्ही झासी वाली रानी है ।