महामहिम राष्ट्रपति साहिबा आपकों फिर एक बार शुभकामनाएं भारत वर्ष जैसे राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के लिए! लेकिन यहां उत्तर-दायित्व उस से भी कठिन एवं अग्नि परीक्षा का है जो आपने अभी तक सोचने का समय भी नहीं निकाला होगा ! देश की, नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का बहुत बड़ा भार आपके कंधों पर है !! देशभर से आतंक और भय के साथ कुछ ऐसी खबरें भी आरही हैं कि "भारतीय मुस्लिम समुदाय को सार्वजनिक स्थानों पर नमाज़ अदा करने को लेकर दूष्मनो जैसा सरकारी आतंक का नया प्रतारण क्यों? जब भारत के प्रधानमंत्री पद पर कब्ज़ा किए बैठा एक अपराधी और आतंकी राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ ( NATINAL EMBLEM) की स्थापना हिन्दुत्व रीति से कर सकता है तो दूसरे नागरिकों के साथ भेदभाव क्या संविधान का उलंघन नहीं? आप भले ही उन के अहसान तले दब कर रहें लेकिन कर्तव्य का जो आपने संवैधानिक शपथ लेकर आश्वसन देश को दिया है, उसे तो पूरा करना ही होगा कि नहीं, अन्यथा बात बहुत दूर तक जाएगी ??? ©Mohammed Shamoon #President