रहने दो तुम चटख चांदनी सी बातों को रहने दो शीरीं चाहे कम हो लेकिन सच्चाई तो रहने दो ऊंची दीवारें ऊंचे दरवाजे ऊंची छत चिन लो लेकिन बेघर को रहने को एक शज़र तो रहने दो रोशन महफ़िल में लगती यारों की तारीफें दिलकश करता तब्सिरा खरा बेधड़क एक यार वो रहने दो वक़्त का हर क़तरा भीगा हो खुशियों की बौछारों में इक लम्हा अफ़सुर्दा ग़ज़लें लिखने को तो रहने दो Anjali राज #YQbaba #YQdidi #अंजलिउवाच #आहज़िन्दगी #रहनेदो #सच्चाई #तब्सिरा