क्षणिका... तीन पहर रात के, लिखते रहे अफसाना दर्द का, खामोशी आई दबे पांव, सब चुरा ले गई...।। — % & #yqquotes #yqक्षणिका #yqखामोशी #yqकुलभूषणदीप