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बेटी आंखो में जो चुभे तब वो कांच हो गई जब बेटी एक

बेटी आंखो में जो चुभे 
तब वो कांच हो गई
जब बेटी एक के बाद एक
बेटे की ख्वाहिश में
बेटी पांच हो गई
बड़ी तो पढ़ न सकी
उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी 
बाकी के अभी बहुत छोटे है 
बाप की कमाई से 
ठीक से उनका पेट भर न सकी 
अब औरत और आदमी दोनो कमाते है
सबसे छोटी छह महीने की छोटी है
मां की गर्माहट के लिए
दिन रात वो रोती है।
बड़ी छोटी को सीने से लगाती है।
कभी अपनी उंगलियां
सकी मुंह में चटाती है।
बड़ी तो बड़ी नहीं उम्र से
लेकिन जिम्मेदारियों से बड़ी हो गई
मां तो नहीं रहती घर में 
लेकिन बड़ी .....
बहनों के लिए मां बनकर खड़ी हो गई
✍️रिंकी बेटी आंखो में जो चुभे 
तब वो कांच हो गई
जब बेटी एक के बाद एक
बेटे की ख्वाहिश में
बेटी पांच हो गई
बड़ी तो पढ़ न सकी
उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी 
बाकी के अभी बहुत छोटे है
बेटी आंखो में जो चुभे 
तब वो कांच हो गई
जब बेटी एक के बाद एक
बेटे की ख्वाहिश में
बेटी पांच हो गई
बड़ी तो पढ़ न सकी
उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी 
बाकी के अभी बहुत छोटे है 
बाप की कमाई से 
ठीक से उनका पेट भर न सकी 
अब औरत और आदमी दोनो कमाते है
सबसे छोटी छह महीने की छोटी है
मां की गर्माहट के लिए
दिन रात वो रोती है।
बड़ी छोटी को सीने से लगाती है।
कभी अपनी उंगलियां
सकी मुंह में चटाती है।
बड़ी तो बड़ी नहीं उम्र से
लेकिन जिम्मेदारियों से बड़ी हो गई
मां तो नहीं रहती घर में 
लेकिन बड़ी .....
बहनों के लिए मां बनकर खड़ी हो गई
✍️रिंकी बेटी आंखो में जो चुभे 
तब वो कांच हो गई
जब बेटी एक के बाद एक
बेटे की ख्वाहिश में
बेटी पांच हो गई
बड़ी तो पढ़ न सकी
उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी 
बाकी के अभी बहुत छोटे है