माँ दुर्गा की प्रतिकृतियाँ / कविता कानन / रंजना वर्मा ठहर आततायी, मत समझ हमें असहाय दुर्बल सहज प्राप्य । हम भण्डार हैं Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Gokahani