White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ। दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है, जिसमें मौन भी कहता है बात, हर लम्हा बेमिसाल है, जो जोड़ता है दिल से दिल के तार। कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों, पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है, तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है, जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है। तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ, हर पल को यादगार बनाएँ, कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या, हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ। ©#Mr.India मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ। दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है, जिसमें मौन भी कहता है बात, हर लम्हा बेमिसाल है,