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#पुरुष पुरुष का श्रृंगार तो स्वयं प्रकृति ने किया

#पुरुष 
पुरुष का श्रृंगार तो स्वयं प्रकृति ने किया है।।अधिकतर स्त्रियाँ काँच का टुकड़ा हैं जो मेकअप की रौशनी पड़ने पर ही चमकती हैं।।किन्तु पुरुष हीरा है जो अँधेरे में भी चमकता है और उसे मेकअप की कोई आवश्यकता नहीं होती।। खूबसूरत मोर होता है मोरनी नहीं।।मोर रंग - बिरंगा और हरे - नीले रंग से सुशोभित जबकि मोरनी काली सफ़ेद।।मोर के पंख होते हैं इसीलिए उन्हें मोरपंख कहते हैं।।
मोरनी के पंख नहीं होते।।दांत हाथी के होते हैं।।हथिनी के नहीं।।
हांथी के दांत बेशकीमती होते हैं।।
नर हाथी मादा हाथी के मुकाबले बहुत खूबसूरत होता है।।कस्तूरी नर हिरन में पायी जाती है।।मादा हिरन में नहीं।।
नर हिरन मादा हिरन के मुकाबले बहुत सुन्दर होता है।।मणि नाग के पास होती है,नागिन के पास नहीं।।
नागिन ऐसे नागों की दीवानी होती है जिनके पास मणि होती है।।
रत्न महासागर में पाये जाते हैं नदियो में नहीं।।और अंत में नदियों को उसी महासागर में गिरना पड़ता है।।
संसार के बेशकीमती तत्व इस प्रकृति ने पुरुषों को सौंपे।।प्रकृति ने पुरुष के साथ अन्याय नहीं किया।।
9 महीने स्त्री के गर्भ में रहने के बावजूद भी औलाद का चेहरा, स्वभाव पिता की तरह होना।।ये संसार का सबसे बड़ा आश्चर्य है।।क्योंकि पुरुष का श्रृंगार प्रकृति ने करके भेजा है,उसे श्रृंगार की आवश्यकता नही।।
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©Andy Mann
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