खुद ही सवाल करते है, खुद ही जवाब दे देते है। न खुल के मुस्कुरा पाते है, न खुल के रो पाते है। सब का दिल रखते रखते खुद का दिल कहा रखा है। यही भूल जाते है। ज़िन्दगी की कश्मकश में बस यूँ ही उलझ के रह जाते है। ©yogita bhavsar #aloneness