(यूँ न घर छोड़कर जाओ ह्महें) हुआँ क्या है ?? बताओं हम्हे । यूँ न घऱ छोड़ के जाओ हम्हे ।। दूजों के घऱ में , क़ुछ पल तेरा ताज सजेगा , जब -तक ज़रूरत होगी तेरी उसको , तब-तक तेरा राज चलेगा । वक्त के साथ , कही गुमनाम हो जाओगे , लौट के अपने घर , को वापस आओगे , हुआँ क्या है , बताओ हम्हे , यूँ न घर छोड़कर , जाओ ह्महें ।। माना क़ुछ विचारों में मतभेद है , आओ मिलकर , सुलझाए इन्हें , हुआँ क्या है , बताओं हम्हे , यूँ न घऱ छोड़कर , जाओ हम्हे ।। अपना घऱ तोड़ , कोई मुक़ाम हाशिल न होगा । अपने हर वक़्त अपने , पराया अपना न होगा । क़ुछ गलतफेमियो को , आओ सुधार लेंगें हम, हुआँ क्या है , बताओं ह्महें , यूँ न घर छोड़कर , जाओ हम्हे ।। #yu_na_ghar_chhodkar_jaao_kabhi. #LastDay