बुरे की हार हो जाती है अच्छा जीत जाता है मगर इस दौर में देखा है पैसा जीत जाता है बड़ों के कहकहे ग़ायब, बड़ों की मुस्कराहट गुम हँसी की बात आती है तो बच्चा जीत जाता है यहाँ पर टूटते देखे हैं हमने दर्प शाहों के फ़क़ीरी हो अगर मन में तो कासा जीत जाता है खड़ी हो फ़ौज चाहे सामने काले अंधेरों की मगर उससे तो इक दीपक अकेला जीत जाता है हमेशा जीत निश्चित तो नहीं है तेज़ धावक की रवानी हो जो जीवन में तो कछुवा जीत जाता है ये भोजन के लिए दौड़ी वो जीवन के लिए दौड़ा तभी इस दौड़ में बिल्ली से चूहा जीत जाता है