जहन में मेरे वो अपनी खुशबू कुछ यूं जोड़ लेती हैं, हर सुबह मैं फूल खिलाता हूँ शाम वो तोड़ लेती हैं।❣ #देवीजी💕 सुकुमार.....🖋 फूल