निकल पड़े हैं सफर पर कहीं अपने ही शहर जाना है, वक्त का अंदाज़ा नहीं है मुझे आज इस सफर में वक्त निकाल रहा हूं आज भरपूर वक्त है मेरे पास और तुम्हारी याद ही कर रहा हूं सफर के हर एक स्टेशन पर जब वक्त तो चल रहा है और मैं थम सा गया हूं तुम्हारी यादों के साथ तुम्हारी ही याद कर रहा हूं, कि काश तुम हर सफर में मेरे साथ होते, बस यही सोचकर ये नज्म लिख रहा हूं बस यही सोचकर ये नज्म लिख रहा हूं।। ✍️✍️✍️..... ©Manas pathak #nazm #nazmebayaan #poem✍🧡🧡💛 #love❤ #lovewrites #Writesomething #safarnama Prajwal Bhalerao