थामकर हाथ जिन्होंने, पढ़ना-लिखना सिखाया, बोध अच्छे-बुरे का, जिन्होंने हमे कराया, मोड़ दिया जिसने, खुशाल जीवन की ओर सबको, है नमन मेरा आप सभी गुरुजनों को।। काटों भरे रास्तो पे, जिन्होंने निडर हमे चलना सिखाया, भेद ऊँच-नीच का, जिन्होंने हमसे त्याग कराया, दिया हौसला जिसने, अपने लक्ष्य को पाने का सबको, है नमन मेरा आप सभी गुरुजनों को।। अपने किस्से-कहानियों से, जिन्होंने हमे खूब हसाया, होकर परेशान शरारतों से, जिन्होंने हमे मुर्गा बनाया, हुनर दिया जिसने, हारकर भी जीत की ओर बढ़ने का सबको, है नमन मेरा आप सभी गुरुजनों को।। 'HAPPY TEACHERS DAY' -विनीत जालुका(Soch) थामकर हाथ जिन्होंने, पढ़ना-लिखना सिखाया, बोध अच्छे-बुरे का, जिन्होंने हमे कराया, मोड़ दिया जिसने, खुशाल जीवन की ओर सबको, है नमन मेरा आप सभी गुरुजनों को।। काटों भरे रास्तो पे, जिन्होंने निडर हमे चलना सिखाया, भेद ऊँच-नीच का, जिन्होंने हमसे त्याग कराया, दिया हौसला जिसने, अपने लक्ष्य को पाने का सबको,