वो नजूमी तो था, मगर इक बाप भी था अपने बच्चों को वक़्त अच्छा बताता था । बड़ा भोला था नजूमी पर उस्ताद निकला ख़ुद के सितारों को बच्चों से छिपाता था । सितारे जो चलते , फिर घर बदल जाते नजूमी घरों का बदलना बूझ जाता था । उंगलियों पर गिनता , सितारे मेरे - तेरे काग़ज़ पर क़लम से आयत बनाता था । #नजूमी ©️✍️ #सतिन्दर #सतिन्दर #नजूमी #घर #सितारें #उस्ताद