Nojoto: Largest Storytelling Platform

#EMI... #जरूर_पढ़ें_आपको_झकझोर_देने_वाली_कहानी ल

#EMI...

#जरूर_पढ़ें_आपको_झकझोर_देने_वाली_कहानी

ला ...बहू...ये सब्जी मैं काट देती हूँ, तू अभी ऑफिस से थकी हारी आई है और आते ही लग गई सब्जी काटने ..
मै तो कहती हूँ, तू यह जॉब अब छोड़ ही दे....
सुषमा जी ने अपनी बहू किजंल के हाथ से सब्जी लेते हुए कहा....।
"नही माँ जी, जब तक फ्लैट की EMI पूरी नहीं हो जाती....तब तक मे नौकरी छोड़ने का सोचूंगी भी नही..
"लेकिन बेटा.....अब तो राजेश की भी अच्छी जॉब लग गई है....
फिर आधी EMI तू क्यों देती है ...सुषमा जी ने सब्जी काटते हुए कहा....
"क्योकि मैंने उस दिन आपको पर्दे के पीछे बहुत देर तक रोते देखा था.....
जब पिता जी ने जरा सी कहा सुनी पर आप से कह दिया, कि निकल जा मेरे घर से.......
सुषमा जी अवाक सी नजरों से बहु किजंल को देखने लगी तो किजंल बोली -मां....ये आपके साथ नही बल्कि हर शादीशुदा लडकियों को अक्सर सुनने को मिलता है अक्सर पति गुस्से मे कह देते है की जाओ अपने घर ये मेरा घर है ...और वही मायके मे मां बाप भाई बहन कहते है की अब ससुराल ही तुमहारा घर है ये नही....
तो आखिर हम लडकियों का अपना घर कौन सा है ..
मां सच तो ये है हमारे बिना कोई घर ...घर नही होता सिर्फ ईट पत्थरों का ढांचा होता है उसे घर हम बनाती है फिर भी हमें सुनने को मिलता है की .....
इसीलिए मां मे नौकरी करके आधी EMI भरती हूं मुझे हक के लिए नही बल्कि ये सुनने को मिले ये हमारा घर है ...हम सभी का ...कहते किजंल सुषमा जी के गले लग गई वही सुषमा जी भीगी आँखें लिए सोच रही थी बहुत खूब मेरी बच्ची ...बहुत खूब ....
सचमुच हर बेटी को आत्मनिर्भर बनकर पति के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ देने से ही एक ईट पत्थरों का ढांचा घर बना सकती है ...अपना घर...

#वक्त_है_बदलाव_का Good morning
#EMI...

#जरूर_पढ़ें_आपको_झकझोर_देने_वाली_कहानी

ला ...बहू...ये सब्जी मैं काट देती हूँ, तू अभी ऑफिस से थकी हारी आई है और आते ही लग गई सब्जी काटने ..
मै तो कहती हूँ, तू यह जॉब अब छोड़ ही दे....
सुषमा जी ने अपनी बहू किजंल के हाथ से सब्जी लेते हुए कहा....।
"नही माँ जी, जब तक फ्लैट की EMI पूरी नहीं हो जाती....तब तक मे नौकरी छोड़ने का सोचूंगी भी नही..
"लेकिन बेटा.....अब तो राजेश की भी अच्छी जॉब लग गई है....
फिर आधी EMI तू क्यों देती है ...सुषमा जी ने सब्जी काटते हुए कहा....
"क्योकि मैंने उस दिन आपको पर्दे के पीछे बहुत देर तक रोते देखा था.....
जब पिता जी ने जरा सी कहा सुनी पर आप से कह दिया, कि निकल जा मेरे घर से.......
सुषमा जी अवाक सी नजरों से बहु किजंल को देखने लगी तो किजंल बोली -मां....ये आपके साथ नही बल्कि हर शादीशुदा लडकियों को अक्सर सुनने को मिलता है अक्सर पति गुस्से मे कह देते है की जाओ अपने घर ये मेरा घर है ...और वही मायके मे मां बाप भाई बहन कहते है की अब ससुराल ही तुमहारा घर है ये नही....
तो आखिर हम लडकियों का अपना घर कौन सा है ..
मां सच तो ये है हमारे बिना कोई घर ...घर नही होता सिर्फ ईट पत्थरों का ढांचा होता है उसे घर हम बनाती है फिर भी हमें सुनने को मिलता है की .....
इसीलिए मां मे नौकरी करके आधी EMI भरती हूं मुझे हक के लिए नही बल्कि ये सुनने को मिले ये हमारा घर है ...हम सभी का ...कहते किजंल सुषमा जी के गले लग गई वही सुषमा जी भीगी आँखें लिए सोच रही थी बहुत खूब मेरी बच्ची ...बहुत खूब ....
सचमुच हर बेटी को आत्मनिर्भर बनकर पति के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ देने से ही एक ईट पत्थरों का ढांचा घर बना सकती है ...अपना घर...

#वक्त_है_बदलाव_का Good morning