माँ बाजुओं में खींच के आ जायेगी जैसे क़ायनात अपने बच्चे के लिए ऐसे बाहें फैलाती है माँ… ज़िन्दगी की सफ़र मे, गर्दिशों की धुप में जब कोई साया नहीं मिलता तब बहुत याद आती है माँ.. प्यार कहते हैं किसे, और ममता क्या चीज़ है, कोई उन बच्चों से पूछे जिनकी मर जाती है माँ… सफा-ए- हस्ती पे लिखती है, असूल-ए- ज़िन्दगी, इसलिए तो मक़सद-ए- इस्लाम कहलाती है माँ.. जब ज़िगर परदेस जाता है ए नूर-ए- नज़र, कुरान लेकर सर पे आ जाती है माँ.. लेके ज़मानत में रज़ा-ए- पाक की, पीछे पीछे सर झुकाए दूर तक जाती है माँ… काँपती आवाज़ में कहती है बेटा अलविदा… सामने जब तक रहे हाथों को लहराती है माँ.. जब परेशानी में फँस जाते हैं हम परदेस में, आंसुओं को पोंछने ख्वाबों में आ जाती है माँ.. मरते दम तक आ सका न बच्चा घर परदेस से, अपनी सारी दुआएं चौखट पे छोड़ जाती है माँ.. बाद मरने के बेटे की खिदमत के लिए, रूप बेटी का बदल के घर में आ जाती है माँ…...... मत कहिये की मेरे साथ रहती हैं माँ कहिए की माँ के साथ हम रहते हैं… ......Suraj...... 😊😊😊 maa...... #nojoto #nojotohindi #nojotooftheday