_______घायल_घास_______ जिसने किसी का बुरा सोचना नहीं सीखा, जिसने किसी को कभी नोचना नहीं सीखा, उसी को सभी नोचकर बैठे हैं, उसी का बुरा सोचकर बैठे हैं और फिर टूटा हुआ वह व्यक्ति केवल अपनी इक काव्य शक्ति से गुज़ारा कर रहा है। यही शक्ति उसकी सारी कथा सुनेगी, यही शक्ति उसकी सारी व्यथा सुनेगी, यही शक्ति उसे एक बार दोबारा बुनेगी और अगले अध्याय के लिए उसे चुनेगी। यद्यपि अभी करने के बावजूद अनेक प्रयास, यद्यपि करने के बावजूद अद्य अनेक अभ्यास वह लोगों द्वारा समझा जा रहा है घायल घास किंतु कभी तो वह कविता जायेगी उसके पास, जिसे सालों से वह व्याकुलता से लिखता जा रहा है। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #घायल_घास