वो पहेले जमाने का इश्क़ भी बहुत कमाल था ना था उस जमाने मैं मोबाइल, facebook, whatsapp अगर था कुछ तो कॉपी पैन था जब जाते थे सनम से मिलने लिख दिया करते थे खत सनम को ना थी उस जमाने मैं मोटर बाइक अगर थी तो बाईसीकल थी जब जाता था कोई दीवाना सनम की गली मैं दिल मैं उम्मीदे आँखों मैं सपने लिये उन्हे मालूम भी था के सनम का चाँद सा चैहरा खिड़की मैं दिखे ना दिखे ना थे उस जमाने मैं रेस्टोरेंट, पार्क दो दिलो को मिलने के लिए वो मिलते थे कभी गली की नुक्कड़ तो कभी पड़ोसी के घर सच कहूँ तो उस जमने की मोहब्बत सच्ची थी किसी दीवाने को नहीं थी जिस्म की भूख वो पहले जमाने का इश्क़ भी बहुत कमाल था 📝 #Radhid_MomeeN ✍️ वो पहले जमाने का इश्क़ भी बहुत कमाल था #Nojoto writter #Radhid_MomeeN