मुकद्दर से तो सारा जहां जीत जाओगे, लेकिन खुद में सिकन्दर जगा पाओगे क्या, हज़ारों दर्द सीने में रखकर, नम आँखों से अश्क बहाकर, लबो पे बेवजह मुस्कान ला पाओगे क्या? मोहबत्त करना बहुत आसान है साहब, लेकिन बेसबब वफ़ा निभा पाओगे क्या। ठोकरे देकर गिराएंगे लोग बार बार, जीना मुश्किल करके, खुद के घर से करेगे तलबगार, लेकिन फिर से तुम खुद को खड़ा कर पाओगे क्या। मतलब से इंसान साँस भी लेता है, मुश्किलो में अपनों को याद भी करता है, बिना मतलब के प्यार का रिश्ता निभा पाओगे क्या। अपनों के दर्द को अपना दर्द समझ पाओगे क्या। रुस्वाइयो को हँस के गले लगा पाओगे क्या। खुद में सिकन्दर जगा पाओगे क्या? #प्रदीप सरगम# #Nojoto #nojotonews #Hindi #PoetryOnline #Love #pradeepsargam #BoneFire 🌷ASMA KHAN🌷 निdhi🖤