मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। कभी टूटी आसों में, धुंधलाती विश्वासों में, नवजीवन की अहसास जगाऊं। मन होता है आज, एक गीत गुनगुनाऊं। कुछ रिश्तों की गांठों को, दिल में आयी बांटो को फ़िर से एक बार सुलझाऊं, मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। कुछ अधूरी लकीरों को, द्वार पर खड़े फकीरों को, उनके मंज़िल तक पहुचाऊं। मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। उन हाथों की छुअन को, ममता की तपन को, फ़िर एक बार अपने पास लाऊं। मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। अतीत में दबे गहरे, व्यतीत हुए बहुत ही सुनहरे, उन खूबसूरत पन्नों को फ़िर आज वापस पाऊं। मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। अतीत के गीत