जज्बा-ए-हक़ व शहादत तुम्हे मालूम नही! मेरे इस्लाम की ताक़त तुम्हे मालूम नही! 313 सहाबा व हज़ारो दुश्मन, खुदा की थी जो नुसरत तुम्हे मालूम नही! ©Shaikh Salim battle of badar