तो डर किस बात का, जितना हमसे हो पायेगा उतना तो करेंगे ए ज़िंदगी, फिर फिकर किस बात का छोड़ना होगा गर घर भी तो वो भी करेंगे , है बस सही समय के इंतज़ार का और मेरे सब्र के इम्तिहान का😊 ©आशुतोष "गोरखपुरी" सही समय के इंतजार का😊