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बहुत दबाया अपने सपनो को जज़्बातों को। कमबख्त ये आंस

बहुत दबाया अपने सपनो को जज़्बातों को।
कमबख्त ये आंसू ही है जहाँ अकेला देक्जये है बाहर आ ही जाते है।।






           -हितेश मित्तल #sorrow#htgm#do_panktiya#tears
बहुत दबाया अपने सपनो को जज़्बातों को।
कमबख्त ये आंसू ही है जहाँ अकेला देक्जये है बाहर आ ही जाते है।।






           -हितेश मित्तल #sorrow#htgm#do_panktiya#tears