एक सुनहरा पत्ता किसी बेंच पर, रखा फिर मिल जाएगा हम दोनो के बीच, किसी सुनसान से बगीचे में जब होंगे बैठे हम, और उस पत्ते भर की दूरी से करेंगे बातें अपनी, फिर वो बनेगा साक्षी हमारे एहसासों का, और सदा के लिए फिर बस जाएगा यादों में हमारी, बस ये आखिरी सी ख्वाहिश है मेरी, तुम्हारे साथ एक मुलाकात की... ©Shivendra Gupta 'शिव' #एक_पत्ता #मुलाकात #शायरी