Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक बुढ़िया थी उसके पास इक गुड़िया थी उस गुड़िये मे

एक बुढ़िया थी
उसके पास इक गुड़िया थी
उस गुड़िये में उसकी जान थी
दिल बहलाने का इक वो ही तो सामान थी
आंख लग गयी एक रात जाने कैसे सो गयी
खुली जो पलकें अचानक देखा गुड़िया खो गई
मिली नहीं वो गुड़िया ढुंढा सारे जहान में
थकी हारी जब लौटी वापस अपने दालान में
देखा गुड़िया ज़मीं में गड़ी हुई है
नब्ज़ भी चलती नहीं है हाय ये तो मरी हुई है
समझ गई बुढ़िया गुड़ियां को छाती से लगा लिया
जान गई उसकी गुड़िया को किसी हैवान की हैवानियत ने खा लिया

©Neha Mohan #हैवान #गुड़िया 
#blindtrust
एक बुढ़िया थी
उसके पास इक गुड़िया थी
उस गुड़िये में उसकी जान थी
दिल बहलाने का इक वो ही तो सामान थी
आंख लग गयी एक रात जाने कैसे सो गयी
खुली जो पलकें अचानक देखा गुड़िया खो गई
मिली नहीं वो गुड़िया ढुंढा सारे जहान में
थकी हारी जब लौटी वापस अपने दालान में
देखा गुड़िया ज़मीं में गड़ी हुई है
नब्ज़ भी चलती नहीं है हाय ये तो मरी हुई है
समझ गई बुढ़िया गुड़ियां को छाती से लगा लिया
जान गई उसकी गुड़िया को किसी हैवान की हैवानियत ने खा लिया

©Neha Mohan #हैवान #गुड़िया 
#blindtrust
nehasingh1677

Neha Mohan

New Creator