इक फरियाद है तुम से, ज़िन्दग़ी नाशाद है तुमसे । काटे नहीं कटतीं रातें, तिरा इन्तज़ार है जब से। ख़िज़ाँ से कोई ग़िला न रहा , तू जाने-बहार है जब सै। अपने भी पराए लगते हैं, तू मिरा यार है जब से। तू ही तबीब है,"फिराक़," इश्क़ का बुखार है जब से। Rest Zone की जानिब से एक ख़ूबसूरत #collab #एकफ़रियाद #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi