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मन की खिड़की से निहारते हैं जिसे,वो शख़्स धुँधला नज़

 मन की खिड़की से निहारते हैं जिसे,वो शख़्स धुँधला नज़र आता है..!
बना बैठा है इस दिल में ख़ुदा बन कर,न जान क्यों नज़रें हमसे चुराता है..!

©SHIVA KANT
  #bekhudi #nazren