बिहार की छवि देश को मानव संसाधन उपलब्ध कराने भर की ही रही है देश के तमाम राज्यों में बिहार के काम कर भरे मिलेंगे इसका एहसास देश को तब हुआ जब करुणा संक्रमण की पहली लहर के दौरान बिहार की तरफ आने वाली सड़कों पर हु जुनून चलता हुआ दिखाएं यह सतीश से बनी क्योंकि उद्योग स्थापित करने के लिए केवल बातें ही होती रही है किसी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया हालांकि अब यहां स्थित बदल रही है बाहर के उधमी किस तरह देखने लगे और यह सभी देश के सकारात्मक माहौल बनने लगा बिहार बसने वाले यह सब मेगा अपने प्रदेश को कैसे संभाल सकती है इसकी बनेगी बिहार के काम करो का चनपटिया मॉडल दरअसल कॉल में घर लौटे रेडिमेंट इस इंडस्ट्री में कार्यकर्ता काम करो को पश्चिमी चंपारण जिला प्रशासन ने बंधी एक चीनी मिल में जगह दी है उन्होंने रेडिमेड परिधान बनाना शुरू किया वर्ष 2020 के जून में शुरू हुई स्टार्टअप का टर्नओवर ₹10 से ऊपर हो चुका है इस प्रश्न को सिविल सर्विस दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री से मिला है ©Ek villain #उद्योगों के जरिए छवि बनाने का प्रयास #SunSet