एक रोज सिगरेट खफा हो बैठी , कहती हैं बहाना अपनी महबूब की यादों का लेकर तू करीब मेरे क्यूँ इतने आती हैं, मैने भी कह दिया, बस ये आज़माने , एक सौतन दूसरी सौतन का कैसे साथ निभाती हैं.. #NojotoQuote